Wisdom Herald, a quarterly International Refereed Research journal will be published every year in March, June, September and December. The journal focuses to publish original and exclusive research articles on all subjects pertaining to Arts and Humanities. The objective of the journal is to provide a forum to the scholars, teacher-educators, educational planners, administrators and researchers etc. to contribute thought provoking articles, book reviews and research papers etc. in Hindi, Sanskrit or English.
Guidelines for publication of research papers
शोध पत्र भेजते समय कृपया निम्न बिन्दुओं पर ध्यान दें-
1.शोध-पत्र अधिकतम 2500-3000 शब्दों में हों तथा 150 शब्दों का सारांश भी प्रेषित करें।
2.सन्दर्भ ग्रन्थ सूची का उल्लेख अवश्य करें। सन्दर्भ ग्रन्थ सूची में लेखक का उपनाम, मुख्य नाम, पुस्तक का नाम, प्रकाशन का वर्ष एवं पृष्ठ संख्या अंकित होना चाहिए। पत्रिका के सन्दर्भ में लेख का शीर्षक, पत्रिका का नाम, अंक, पृष्ठक्रम एवं प्रकाशन वर्ष दें।
3.शोध-पत्र अथवा Microsoft Office Word में Page maker हिंदी Krutidev 10 के Font Size 14 तथा अंग्रेजी में Time New Roman Font Size 12 में टाइप करवाकर भेजें।
4.ई-मेल द्वारा भेजने पर भी आलेख की प्रति ¼Hard Copy½ भेजें।
5.शोध पत्रों की स्वीकृति एवं अस्वीकृति का अंतिमनिर्णय सम्बंधित विषय के दो विशेषज्ञों कि अनुशन्सा (Expert comments of Referees) से संपादक मण्डल द्वारा लिया जाता है। इस संबन्ध में अन्तिम अधिकार संपादक को प्राप्त है जो सभी सदस्यों को मान्य होगा।
6.शोध पत्र के प्रकाशन हेतु संपादक के नाम पत्र होना चाहिए, जिसमें स्पष्ट रूप से शोध पत्र के सम्बन्ध में "मौलिक एवं अप्रकाशित" होने का उल्लेख होना चाहिए।
7.शोध पत्र में सारणी एवं चित्रों का प्रयोग लेख के बीच में न करते हुए अंत में सन्दर्भ या संलग्नक के रूप में करें।
8.शोध पत्र ई-मेल द्वारा निम्नई-मेल पते पर अथवा डाक द्वारा निम्न सम्पादकीय कार्यालय पर भेजा जा सकता हैः-
शोध पत्र लिखते समय कृपया ध्यान दें:-
1.आलेख में नई एवं मौलिक अवधारणा का प्रतिपादन करें।
2. आलेख तार्किक एवं श्रृंखलाबद्ध हो। अनावश्यक शब्दजाल का प्रयोग न करें।
3.शोध-पत्र लेखन के पूर्व सन्दर्भ साहित्य का पर्याप्त अध्ययन करें।
4.गलत तथ्यों एवं आंकड़ों का उल्लेख न करें।
5.सन्दर्भ में पुस्तक के संस्करण, प्रकाशन वर्ष एवं स्थान का भी उल्लेख करें।
6.शोध पत्र लेखन के समय भाषा, भाव, व्याकरण एवं मात्रात्मक शुद्धियों का ध्यान रखें।
7.तथ्यों, विचारों एवं संदर्भों की पुनरावृत्ति न करें।
(Published by Society for Indo Tibetan Buddhist Studies New Delhi)